नई दिल्ली. 1 अप्रैल 2018 से इनकम टैक्स से जुड़े 8 नियम बदल जाएंगे। आपके लिए इनकम टैक्स से जुड़े नियमों में बदलाव को जानना जरूरी है। इससे आपको वित्त वर्ष 2018-19 के लिए टैक्स प्लानिंग करने में आसानी होगी। नए नियमों की जानकारी से आपको यह आकलन करने में मदद मिलेगी कि आपकी टैक्सेबल इनकम कितनी है और आप को इस पर कितना टैक्स देना होगा।
1 अप्रैल से बदल जाएंगे इनकम टैक्स के 8 नियम, चेक करें इसका असर
नई दिल्ली. 1 अप्रैल 2018 से इनकम टैक्स से जुड़े 8 नियम बदल जाएंगे। आपके लिए इनकम टैक्स से जुड़े नियमों में बदलाव को जानना जरूरी है। इससे आपको वित्त वर्ष 2018-19 के लिए टैक्स प्लानिंग करने में आसानी होगी। नए नियमों की जानकारी से आपको यह आकलन करने में मदद मिलेगी कि आपकी टैक्सेबल इनकम कितनी है और आप को इस पर कितना टैक्स देना होगा।
सैलरीड क्लास के लिए 40,000 रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन
बजट 2018 में केंद्र सरकार ने सैलरी क्लास के लिए 40,000 रुपए स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान पेश किया है। इसके तहत सैलरीड क्लास की टैक्सेबल इनकम में से 40,000 रुपए कम हो जाएंगे। लगभग 2.5 करोड़ कर्मचारियों को स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा होगा।
इनकम टैक्स पर 4 फीसदी सेस
बजट 2018 में वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स पर लगने वाले एजुकेशन एंड हेल्थ सेस को 3 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया है। इसका मतलब है कि अब आपको कुल इनकम टैक्स पर अब 1 फीसदी ज्यादा यानी 4 फीसदी सेस देना होगा।
इक्विटी में निवेश पर लगेगा एलटीसीजी टैक्स
शेयर बाजार या इक्विटी लिंक्ड फंडों मे निवेश पर एक साल में अगर 1 लाख रुपए से अधिक कमाई होती है तो इस पर 10 फीसदी लॉग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (एलटीसीजी) वसूला जाएगा। अगर आपके निवेश पर रिटर्न या प्रॉफिट एक साल में 1 लाख रुपए से कम है तो इस पर एलटीसीजी नहीं लगेगा।
एनपीएस से पैसा निकालने पर टैक्स छूट
अब ऐसे एनपीएस अकाउंट होल्डर जो सैलरी क्लास से नहीं है अगर अपना अकाउंट क्लोज करते हैं तो उनको कुल फंड की 40 फीसदी राशि पर टैक्स नहीं देना होगा। सैलरी क्लास के अकाउंट होल्डर्स को टैक्स में छूट की सुविधा पहले से मिल रही है अब यह सुविधा नॉन सैलरी क्लास के अकाउंट होल्डर्स को भी मिलेगी।
सीनियर सिटीजंस को इंटरेस्ट इनकम पर ज्यादा छूट
सीनियर सिटीजंस को अब एक साल में बैंक में जमा रकम पर मिलने वाले 50,000 रुपए तक के इंटरेस्ट पर टैक्स नहीं देना होगा। पहले टैक्स से छूट की लिमिट 10,000 रुपए थी। आम तौर पर सीनियर सिटीजंस अपनी सेविंग बैंकों में जमा करते हैं और अपने खर्च के लिए काफी हद तक इंटरेस्ट इनकम पर निर्भर रहते हैं। इस बदलाव से सीनियर सिटीजंस को काफी फायदा होगा। 50,000 रुपए तक के हेल्थ इन्श्योरेंस प्रीमियम पर नहीं देना होगा टैक्स सीनियर सिटीजंस को अब एक साल में हेल्थ इन्श्योरेंस प्रीमियम के तौर पर 50,000 रुपए का पेमेंट करने पर उस पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। यह टैक्स से छूट की सीमा 30,000 रुपए थी। गंभीर बीमारियों के इलाज पर 1 लाख तक का खर्च टैक्स फ्री अब सीनियर सिटीजन अगर चुनिंदा बीमारियों के इलाज पर एक साल में 1 लाख रुपए तक खर्च करता है तो उसे इस खर्च पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। पहले सीनियर सिटीजन के लिए यह रकम 60 हजार रुपए थी और 80 साल से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए यह रकम 80,000 रुपए थी।
50,000 रुपए तक के हेल्थ इन्श्योरेंस प्रीमियम पर नहीं देना होगा टैक्स
सीनियर सिटीजंस को अब एक साल में हेल्थ इन्श्योरेंस प्रीमियम के तौर पर 50,000 रुपए का पेमेंट करने पर उस पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। यह टैक्स से छूट की सीमा 30,000 रुपए थी।
गंभीर बीमारियों के इलाज पर 1 लाख तक का खर्च टैक्स फ्री
अब सीनियर सिटीजन अगर चुनिंदा बीमारियों के इलाज पर एक साल में 1 लाख रुपए तक खर्च करता है तो उसे इस खर्च पर इनकम टैक्स नहीं देना होगा। पहले सीनियर सिटीजन के लिए यह रकम 60 हजार रुपए थी और 80 साल से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए यह रकम 80,000 रुपए थी।
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