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दलितों के कार्यक्रम में अमित शाह का विरोध, मंत्री के बयान पर पूछा सवाल तो छीना माइक

बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह को कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान लगातार दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है. पहले जुबान फिसलना, फिर ट्रांसलेटर द्वारा गलती करना और अब उन्‍हें दलितों के विरोध का सामना करना पड़ा है.इसी बीच एक शख्‍स ने उठकर अमित शाह से सवाल पूछा कि केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े संविधान बदलना चाहते हैं, फिर भी अब तक उनकी कैबिनेट में जगह क्‍यों बरकरार है. उस शख्‍स ने कहा कि या तो आप अनंत कुमार को बाहर का रास्‍ता दिखाइये या बताइये क्‍या बीजेपी अनंत कुमार के बयान से सहमत है?उस दलित शख्‍स द्वारा सवाल पूछने की देर थी कि उससे माइक छीन लिया गया. इसके बाद उसे कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया. सिक्‍युरिटी द्वारा शख्‍स को बाहर निकालने पर काफी हंगामा मचा. कई दलित सदस्‍य अपनी सीटों से उठकर बाहर चल गए.
गौरतलब है कि हाल में कर्नाटक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने कांग्रेस के सीएम सिद्धारमैया की जगह बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा सरकार को भ्रष्ट बता दिया था. बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और वे इस चुनाव में भी बीजेपी के सीएम चेहरा हैं.
वहीं दूसरी बार गलती उनके ट्रांसलेटर से हुई. यह मामला बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की दवानागिरी की रैली का है. यहां अमित शाह ने सिद्धारमैया सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, " सिद्धारमैया सरकार कर्नाटक का विकास नहीं कर सकती. आप मोदी जी पर विश्वास करके येदुरप्पा को वोट दीजिये. हम कर्नाटक को देश का नंबर वन राज्य बनाकर दिखाएंगे."
लेकिन अमित शाह के इस बयान की किरकिरी तब हुई जब धारवाड़ से बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी ने इसे कन्नड़ में गलत ट्रांसलेट कर दिया. उन्होंने कहा कि, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब, दलित और पिछड़ों के लिए कुछ भी नहीं करेंगे. वो देश को बर्बाद कर देंगे. आप उन्हें वोट दीजिये."

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