Skip to main content

Inspirational Motivational Stories Success in hindi

Inspirational Motivational Stories Success


जबकि आप कहेंगे कैसे संभव है हर समय पोजेटिव होना जब हमारे पर मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा हो। लेकिन मैं आपको एक बात साफ कर दूँ अगर आप ऐसा सोचते है तो निहायती गलत सोचते है हम चाहे कितनी भी मुश्किलों में क्यों नहीं हो हमारे सामने हमेशा एक दरवाजा हमारे लिए खुला होता है जो सफलता का ही एक रास्ता है। जबकि निराश होकर हम खुद उसे बंद कर लेते है ऐसे में जिन्दगी का दूसरा पहलू हम देख ही नहीं पाते।
आप गौर से देखेंगे तो आप सभी सफल लोगों में एक कॉमन बात देखने को पाएंगे कि जो जितना अधिक सफल आज के समय में उसी ने उतना ही अधिक संघर्ष अपनी बीती जिन्दगी में कर रखा होता है और उसकी यही मुश्किलें उसे आने वाली जिन्दगी की छोटी बड़ी परेशानियों का सामना करने की उसकी काबिलियत को बनाती है। मैं आपको एक कहानी ने माध्यम से ये बताना चाहूँगा..
अमरीका के ब्रुकलिन में जन्म लेने वाले टेड विलियम अपने खराब आदतों और कमजोर आर्थिक हालत के चलते अमेरिका के ही एक राज्य ऑहियो में सडकों पर भीख माँगा करते थे और नशे की अपनी बुरी आदत के कारण उन्हें दो बार जेल की हवा भी कहानी पड़ी। रिहा होने पर वह सड़क पर एक प्लेकार्ड पर ये लिखकर भीख माँगा करता था कि “मेरी आवाज बहुत अच्छी है।” और रात को पेट्रोल पंप के पीछे बने हुए एक टेंट में सो जाया करता था।
एक दिन क्या हुआ कि किस्मत से किसी रिपोर्टर की नजर उस पर पड़ी तो उसने उनका इंटरव्यू लेने का सोचा और मजे मज़े में ही एक विडियो शूट करके उसे यू ट्यूब पर डाल दिया। यू ट्यूब पर विडियो आते ही वो छा गये। और न्यूयार्क शहर के एक टीवी चैनल में उन्हें अपने मॉर्निंग शो के लिए इंटरव्यू लेने के लिए बुलावा भेजा और उन्हें सेलेक्ट भी कर लिया। इसके अलावा उन्होंने कई कम्पनियों के लिए विज्ञापन का काम भी किया है वो थोड़े ही समय के बाद वो एक अमेरिका के जाने माने लोगो में शामिल हो गये।
जिसके बाद उन्होंने अपने संघर्ष और सफलता के ऊपर एक किताब भी लिखी। तो ये है एक कहानी जिस से हम जान सकते है कि जिन्दगी हमे कई मौके देती है बशर्ते हम अपने बुरे हालातों को सकारात्मक लें और जिन्दगी से खफा नहीं होते।
मुझे उम्मीद हैं आपको भी इस कहानी से कुछ सिख मिली होगी…

Comments

Popular posts from this blog

KFC के मालिक कर्नल सैंडर्स की संघर्ष से सफलता की कहानी biography

कर्नल सैंडर्स की ये कहानी किसी के भी होश उड़ा देने के लिए काफी है| एक ऐसा इंसान जो जीवन भर संघर्ष करता रहा लेकिन अपने अंतिम दिनों में सफलता की एक ऐसी मिसाल पेश की जिसे सुनकर कोई भी दांतों तले उंगलियां दबा लेगा| जब वो 5 साल के थे तब उनके पिता का देहान्त हो गया  16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ना पड़ा.  17 साल की उम्र तक उन्हें 4 नौकरियों से निकाला जा चुका था 18 साल की उम्र में ही शादी हो गयी ! 18 से 22 वर्ष की आयु तक कंडकटर की नौकरी की आर्मी में गए वहां से निकाल दिया गया Law स्कूल में दाखिला लेने गए, रिजेक्ट कर दिया लोगों के बीमा का काम शुरू किया – फेल 19 साल की उम्र में पिता बने 20 साल की उम्र में उनकी पत्नी उनको छोड़ के चली गयी और बच्ची को अपने साथ ले गयी एक होटल में बावर्ची का काम किया अपनी खुद की बेटी से मिलने के लिए उसे किडनेप करने की कोशिश की – फेल 65 साल की उम्र में रिटायर हो गए रिटायरमेंट के बाद पहले ही दिन सरकार की ओर से मात्र $105 का चेक मिला कई बार आत्महत्या करने की कोशिश की एक बार एक पेड़ के नीचे बैठ कर अपनी जिंदगी के बारे में लिख रहे थे तभ...

Story of HONDA company in hindi

दोस्तों ये कहानी है जापान के इंजिनियर और होंडा मोटर लिमिटेड (honda motor pvt. ltd. company) के संस्थापक Soichiro Honda की. होंडा का जन्म जापान में 1906 में हुआ. उन्होंने अपना शुरूआती जीवन अपने पिता के साथ बिताया जहाँ वे  अपने पिता  जो पेशे से लौहार थे को बाइसिकल रिपेयर बिजनेस में सहयोग करते थे. उनको बचपन से ही मोटर गाडियों में रूचि थी. उन्होंने ज्यादा पढाई नहीं की और 15 साल की उम्र में ही tokyo काम की तलाश में चले गए. 1928 मे ऑटोरिपेयर का बिजनेस शुरू करने वे वापिस घर लौटे. 1937 में होंडा ने छोटे इंजनो के लिए piston rings बनाई. वे इसे बड़ी कार निर्माता कंपनी TOYOTA को बेचना चाहते थे. शीघ्र ही उन्हें TOYOTA को पिस्टन रिंग्स सप्लाई करने का कॉन्ट्रैक्ट मिल गया लेकिन आवश्यक गुणवत्ता  को प्राप्त न कर पाने के कारण उन्होंने ये कॉन्ट्रैक्ट खो दिया. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इंजनो की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए वे विभिन्न कंपनीयों के मालिको से मिले ताकि बेहतर पिस्टन रिंग्स बना सके. जल्द ही उन्होंने ऐसा तरीका खोज निकाला जिससे बेहतर गुणवत्ता के पिस्टन रिंग्स तैयार हो ...

Ratan tata biography

रतन टाटा एक भारतीय उद्योगपति, निवेशक, परोपकारी और टाटा सन्स के अवकाशप्राप्त अध्यक्ष है। रतन टाटा 1991 से 2012 तक मिश्र टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रह चुके है। उन्होंने 28 दिसंबर 2012 को अपने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ा, लेकिन रतन टाटा “टाटा ग्रुप” के समाजसेवी संस्थाओ के अध्यक्ष आज भी है। आज टाटा ग्रुप का 65% मुनाफा विदेशो से आता है। 1990 में उदारीकरण के बाद टाटा ग्रुप ने विशाल सफलता हासिल की, इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ रतन टाटा को ही जाता है। पूरा नाम   – रतन नवल टाटा जन्म        – 28 दिसंबर 1937 जन्मस्थान  – मुम्बई पिता        – नवल टाटा माता        – सोनू टाटा रतन टाटा की प्रेरणादायक जीवनी / Ratan Tata Biography in Hindi रतन टाटा नवल टाटा के पुत्र है। जिन्हें नवाजबाई टाटा ने अपने पति की मृत्यु के बाद दत्तक ले लिया था। रतन टाटा के माता-पिता नवल और सोनू 1940 के मध्य में अलग हूए। अलग होते समय रतन 10 साल के और उनके छोटे भाई सिर्फ 7 साल के ही थे। उन्हें और उनके छोटे भाई, दोनों को उनकी बड़ी म...